The Greatest Guide To सफेद मूसली के लाभ



आयुर्वेद में सफेद मूसली के कंद, जड़ और बीज का प्रयोग औषधि के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है।

सफेद मूसली में पाए जाने वाले औषधीय गुण इसे फायदेमंद बनाते हैं। यहां हम सफेद मूसली के इन्हीं फायदों के बारे में बता रहे हैं। साथ ही ध्यान देने वाली बात यह है कि सफेद मूसली आयुर्वेदिक औषधि है, इसलिए इसका प्रयोग आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। बिना डॉक्टर के निर्देश के इसे लेने पर फायदे की जगह नुकसान हो सकता है।

सफेद मूसली शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है जिससे सर्दी-जुकाम समेत कई तरह की संक्रामक बीमारियों से आपका बचाव होता है। अगर आप बार बार सर्दी-जुकाम या फ्लू के शिकार हो रहे हैं तो ऐसे में इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए सफेद मूसली का सेवन करें और स्वस्थ रहें।

महिलाओं के लिए यह जड़ीबूटी योनि सूखापन से छुटकारा पाने में मदद कर सकती है।

सफेद मूसली एक अति महत्वपूर्ण है। औषधि के रूप में सफेद मुसली का कंद प्रयोग किया जाता है। यह एक ऐसी जड़ी-बूटी मानी

मूसली की फसल का प्रमुख उत्पाद उसकी फिंगर्स ही है जिन्हें छीलकर तथा सुखाकर सूखी मूसली तैयार की जाती है, अत: ये फिंगर्स मोटी तथा अधिक से अधिक गूदायुक्त होनी चाहिए ताकि छीलने पर ज्यादा मात्रा में गूदायुक्त फिंगर्स प्राप्त हो सकें (फिंगर्स के पतले होने पर ज्यादा गूदा प्राप्त नहीं होगा) प्राय: भूमि के ज्यादा नर्म (पोला) होने पर फिंगर्स जमीन में ज्यादा गहरी चली जाती है तथा पतली रह जाती है। अत: खेत को तैयार करते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि भूमि ज्यादा नर्म (पोली) न हो, दूसरे यदि खुदाई के उपरांत पौधे में ऐसी फिंगर्स निकलती हैं तो उन्हें उत्पादन के रूप में प्रयुक्त करने के बजाय प्लांटिंग मेटेरियल के रूप में प्रयुक्त कर लिया जाना चाहिए। सफेद मूसली मूलतः गर्म तथा आर्द्र प्रदेशों का पौधा है। उंत्तरांचल, हिमालय प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर के ऊपर क्षेत्रों में यह सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है।

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मूसली मूलत- एक कन्द है जिसकी बढ़ोत्तरी जमीन के अन्दर होती है अत: इसकी खेती के लिए प्रयुक्त की जाने वाली जमीन आर्द्र (नमी) होनी चाहिए। अच्छी जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी जिसमें जीवाश्म की पर्याप्त मात्रा उपस्थित हो, इसकी खेती के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। भूमि ज्यादा गीली भी नहीं होनी चाहिए अन्यथा कन्द की फिंगर्स पतली रह जाएगीं जिससे इसका उत्पादन प्रभावित होगा। सफेद मूसली कंद वाला पौधा है। जिसकी बढ़ोत्तरी जमीन के अंदर होती हैं। इसके लिए बलुई मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है तथा जल निकास का उचित प्रबंध होना चाहिए।

हालांकि अधिकांश दुष्प्रभाव असामान्य होते हैं और उपेक्षित हो सकते हैं, लेकिन कुछ ऐसे दुष्प्रभाव हैं जो कभी-कभी मेडिकल ध्यान देने की जरूरत दे सकते हैं।

कंदों को जमीन से उखाड़ने का उपयुक्त समय

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सफ़ेद मुसली खाने का तरीका और इसके फायदे आपने जाने। फिर भी इसका सेवन करने के पहले डॉक्टर से get more info जरूर सलाह लें और किसी तरह की परेशानी आने पर डॉक्टर को बताएं।

अत्तर आयुर्वेद शुद्ध सफेद मूसली चूर्ण बाजार में तेजी से बिकने वाला अच्छा प्रोडक्ट है। कंपनी के अनुसार, यह प्राकृतिक रूप से शरीर की ताकत बढ़ाने वाली एक जड़ी-बूटी है और स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न समस्याओं में मदद करती है। साथ ही जीवन शक्ति प्रदान करने, शरीर निर्माण और ताकत बढ़ाने में भी फायदेमंद हो सकती है। इसका उपयोग दिन में दो बार दूध के साथ कर सकते हैं।

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